इस्लामाबाद, पाकिस्तान (UNA) : पाकिस्तान के सेना प्रमुख (COAS) जनरल असीम मुनीर ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तेजी से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए रावलपिंडी के जनरल हेडक्वार्टर में वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ देर रात आपातकालीन बैठक की। यह बैठक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा किए जा रहे हमलों में हालिया वृद्धि के कारण बुलाई गई, जिसने विशेष रूप से अफगानिस्तान की सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
TTP के हालिया हमलों में सुरक्षा बलों के बीच हताहतों की संख्या बढ़ गई है और आतंकवादियों की बढ़ती संचालन क्षमता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इन हमलों में सैन्य काफिले, चौकियां और खुफिया कर्मी लक्षित हुए हैं, जिससे सुरक्षा संसाधनों पर दबाव पड़ा और आतंकवाद-रोधी रणनीतियों का त्वरित पुनर्मूल्यांकन आवश्यक हो गया। बैठक के दौरान खुफिया विफलताओं, संचालनात्मक कमियों और सीमा पार खतरे की प्रकृति पर चर्चा की गई, जहां आतंकवादियों को कथित तौर पर अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाने मिले हैं।
बैठक से अवगत सूत्रों के अनुसार, कमांडरों ने रणनीतिक असफलताओं का विश्लेषण करते हुए काफ़ी तनावपूर्ण माहौल देखा। सत्र का समापन जनरल मुनीर के स्पष्ट निर्देश के साथ हुआ, जिन्होंने reportedly कहा कि सेना को "नियंत्रण फिर से हासिल करना और रणनीतिक गहराई को बहाल करना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।" “रणनीतिक गहराई” शब्द, जो ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तान के अफगानिस्तान में प्रभाव से जुड़ा है, अब उन चुनौतियों को उजागर करता है जिनमें सीमा क्षेत्र पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ हमलों के लिए आधार बन रहा है।
बैठक का परिणाम आने वाले हफ्तों में आतंकवाद-रोधी अभियानों की नई और अधिक आक्रामक श्रृंखला के रूप में सामने आने की उम्मीद है। पाकिस्तान की सेना का लक्ष्य समस्या वाले सीमा क्षेत्रों पर नियंत्रण दोबारा स्थापित करना और TTP द्वारा उत्पन्न बढ़ते खतरे का समाधान करना है, जिसे पड़ोसी अफगानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति ने और प्रोत्साहित किया है। – UNA
















