आरएसएस के विस्तार में देवरस की भूमिका क्यों मानी जाती है ऐतिहासिक?06 Dec 25

आरएसएस के विस्तार में देवरस की भूमिका क्यों मानी जाती है ऐतिहासिक?

नागपुर, महाराष्ट्र (UNA) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ वर्ष की व्यापक और प्रभावशाली यात्रा में बालासाहेब देवरस का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 1973 में तीसरे सरसंघचालक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने संघ को सामाजिक समरसता, विस्तार और आधुनिक संगठनात्मक दृष्टिकोण से जोड़ा। उनके नेतृत्व में RSS ने पारंपरिक दायरे से बाहर निकलकर समाज के विभिन्न वर्गों में अपनी पहुंच को व्यापक बनाया।

देवरस ने विशेष रूप से सामाजिक बाधाओं को दूर करने, दलित-समाज से संवाद बढ़ाने और सेवा-कार्य को संगठन के प्रमुख स्तंभों में शामिल करने पर जोर दिया। उनके द्वारा शुरू किए गए अनेक पहल आज भी RSS की गतिविधियों का आधार माने जाते हैं।

इतिहासकारों का कहना है कि देवरस ने संघ की वैचारिक रीढ़ को मजबूत रखते हुए संगठन को समयानुकूल दिशा दी, जिससे वह आने वाले दशकों में और व्यापक राष्ट्रीय भूमिका निभाने में सक्षम हो सका। इसीलिए उन्हें RSS की 100 साल की यात्रा का प्रमुख शिल्पकार माना जाता है। - UNA

Related news

आरएसएस के विस्तार में देवरस की भूमिका क्यों मानी जाती है ऐतिहासिक?06 Dec 25

आरएसएस के विस्तार में देवरस की भूमिका क्यों मानी जाती है ऐतिहासिक?

बालासाहेब देवरस को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के उस नेतृत्वकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने संगठन के विस्तार, सामाजिक पहुंच और वैचारिक मजबूती को नई दिशा दी। उनकी नीतियों ने संघ की 100 वर्षीय यात्रा की नींव को और मजबूत बनाया।