पटना, बिहार (UNA) : बिहार चुनाव नतीजों ने एक बार फिर साबित किया है कि राज्य की महिला मतदाता अब निर्णायक राजनीतिक शक्ति बन चुकी हैं, और इसी प्रभाव ने ‘सुशासन बाबू’ की रणनीति को अंतिम बढ़त दिलाई है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में महिलाओं ने सुचारू योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और सीधे लाभ देने वाली नीतियों के आधार पर मतदान किया, जिससे सत्ता समीकरण उम्मीद से अलग दिशा में मुड़ गए। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महिलाओं का यह संगठित समर्थन न केवल चुनावी परिणामों में दिखा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में अब निर्णय वही तय करती हैं, जो रोजमर्रा की नीतियों का सीधा असर महसूस करती हैं। महिला वोट बैंक की यह मजबूती आने वाले वर्षों में भी राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। - UNA
17 Nov 25‘सुशासन बाबू’ की वापसी—बिहार की महिलाओं ने दिखाया असली राजनीतिक प्रभाव
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