नई दिल्ली, भारत (UNA) : अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों ने हालिया घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत की विदेश नीति अब अपने मूल स्वरूप से हटकर घरेलू राजनीति को साधने का साधन बनती जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की विदेश यात्रा, वैश्विक साझेदारियों और कूटनीतिक बयानों का इस्तेमाल अक्सर राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव पैदा करने और जनता के बीच मजबूती दिखाने के लिए किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे दीर्घकालिक रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान कम हो सकता है और भारत के क्षेत्रीय व वैश्विक हित प्रभावित हो सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि विदेश नीति का अत्यधिक राजनीतिकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसे और निरंतरता को कमजोर कर सकता है, जो किसी भी उभरती शक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होता है। - UNA
17 Nov 25“भारत की विदेश नीति अब घरेलू प्रदर्शन बनकर रह गई है” — विशेषज्ञों की तीखी टिप्पणी
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