पटना, भारत (UNA) : आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन ने शुक्रवार को अपना चुनाव घोषणा पत्र “संकल्प पत्र” जारी किया। राज्य की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किए गए हैं। इसमें राज्य के युवाओं के लिए एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियों के सृजन का संकल्प लिया गया है। इसके लिए नया स्किल जनगणना अभियान चलाने और मौजूदा जिला कौशल केंद्रों को वैश्विक प्रशिक्षण हब में बदलने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, घोषणा पत्र में 10 नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना, चार अतिरिक्त शहरों में मेट्रो रेल सेवाओं की शुरुआत और सात एक्सप्रेसवे के निर्माण का भी वादा शामिल है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष जोर दिया गया है। दस्तावेज़ में महिला उद्यमियों को आर्थिक सहायता, अधिक से अधिक महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाने का लक्ष्य और अत्यंत पिछड़े वर्गों (EBC) के लिए ₹10 लाख तक की वित्तीय मदद जैसी योजनाएँ शामिल हैं।
घोषणा पत्र जारी होने के बाद विपक्षी दलों ने इसे झूठ और खोखले वादों की रिपोर्ट कार्ड करार देते हुए आलोचना की। उनका कहना है कि सत्ता पक्ष को पहले अपने पुराने वादों का हिसाब देना चाहिए।
अब पूरा ध्यान इस बात पर है कि मतदाता इन घोषणाओं को किस तरह देखते हैं और क्या राज्य की मौजूदा आर्थिक और बुनियादी चुनौतियों के बीच ये वादे हकीकत में बदल पाएंगे। – UNA
















