नई दिल्ली, दिल्ली (UNA) : केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि संचार साथी ऐप को अनिवार्य किए जाने से नागरिकों की निजता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार यह प्लेटफॉर्म केवल मोबाइल फोन की सुरक्षा और उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ऐप का डेटा ढांचा पारदर्शी है और इसमें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी तक अनधिकृत पहुंच प्रदान करे।
सरकार के प्री–इंस्टॉल आदेश को भी मजबूत कानूनी समर्थन प्राप्त है, और संबंधित नियम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित दायरे में ही लागू किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य सिम कार्ड धोखाधड़ी, साइबर फ्रॉड और पहचान चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकना है।
इस बीच ऐप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है और हाल के दिनों में इसकी डाउनलोडिंग में दस गुना वृद्धि दर्ज हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि व्यापक उपयोग के बाद डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता सुरक्षित संचार व्यवस्था का लाभ उठा सकेंगे। - UNA















