नई दिल्ली, भारत (UNA) : राजधानी दिल्ली में अत्यधिक खतरनाक वायु गुणवत्ता के कारण प्रमुख फेफड़े विशेषज्ञ ने निवासियों के लिए चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग कम से कम दिसंबर तक शहर छोड़ने पर विचार करें। पीएसआरआई इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन डॉ. गोपी चंद खिलनानी ने बताया कि पिछले पांच दिनों में पहले स्थिर माने जाने वाले पुरानी फेफड़े की बीमारियों वाले मरीजों की स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ी है, जिनमें कुछ को ICU में भर्ती और ऑक्सीजन सहायता की आवश्यकता पड़ी।
डॉ. खिलनानी ने यह भी नोट किया कि केवल पहले से रोगग्रस्त मरीज ही नहीं, बल्कि पहले स्वस्थ व्यक्तियों में भी सीने में दबाव, खांसी और श्वसन मार्ग की सूजन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं—बिना बुखार के—और इनका उपचार एंटीबायोटिक नहीं बल्कि स्टेरॉयड से किया जा रहा है। उनके अनुसार, राजधानी की हवा में अब PM2.5 और अल्ट्राफाइन नैनोपार्टिकल्स का विषाक्त मिश्रण फैल रहा है, जो न केवल फेफड़ों बल्कि हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे, आंत और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी नुकसान पहुँचा रहा है।
व्यावहारिक सलाह देते हुए डॉ. खिलनानी ने कहा: “ऑक्सीजन पर रहने वाले, पुरानी फेफड़े या हृदय रोग वाले और जिनके पास स्थानांतरण का अवसर है—मैं बहुत सुरक्षित रूप से सलाह देता हूँ कि वे 6–8 सप्ताह के लिए दिल्ली छोड़ दें।” यह सिफारिश शहर के प्रदूषण संकट की गंभीरता को रेखांकित करती है, जहाँ हर सांस अब केवल असुविधा नहीं बल्कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम बन गई है। – UNA
















