नई दिल्ली, दिल्ली (UNA) : संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होते ही पहले दिन ही हंगामे-ए-सदन की झल्कियाँ देखने को मिलीं। विपक्षी सांसदों ने नए राज्यसभा अध्यक्ष के सामने मांग रखी कि सदन में निष्पक्षता बनी रहे और सभी दलों के सांसदों के प्रति समान व्यवहार हो। उनका कहना था कि हालिया घटनाओं और कुछ सदस्यों की सुनवाई-विरोधी कार्रवाइयों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर प्रश्न खड़े किए हैं।
विपक्ष का रुख रहा कि सिर्फ नारेबाजी या प्रदर्शन नहीं बल्कि तर्क-वितर्क और मुद्दों पर बहस हो जिससे जनता के सामने असली समस्याओं की आवाज़ पहुँच सके। विपक्ष ने कहा कि यदि सदन का मकसद सिर्फ विवाद खड़ा करना रहा, तो लोकतंत्र और जनप्रतिनिधित्व की भावना ठहर जाएगी।
इस बीच, शीतकालीन सत्र के एजेंडे में कई अहम विधेयक, नीति प्रस्ताव और राष्ट्रीय व सामाजिक मसले शामिल हैं, लेकिन विपक्ष ने पहले दिन ही साफ कर दिया है कि वे केवल औपचारिकता नहीं बल्कि गहन बहस और निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद रखते हैं। - UNA















