नई दिल्ली, दिल्ली (UNA) : संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को सीधा और कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सदन में ड्रामा या अनावश्यक हंगामे के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनावी पराजय की हताशा संसद में प्रकट नहीं की जानी चाहिए, बल्कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर गंभीर और रचनात्मक चर्चा होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश जिन चुनौतियों से गुजर रहा है, उनके समाधान के लिए संसद को एक प्रभावी मंच के रूप में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए विपक्ष को भी सकारात्मक रवैया अपनाना होगा। मोदी ने यह भी उम्मीद जताई कि यह सत्र नीति-निर्माण, विकास, और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर केंद्रित रहेगा।
प्रधानमंत्री के इस बयान को आने वाले सत्र में संभावित टकरावों और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका संदेश स्पष्ट करता है कि सरकार बहस के लिए खुली है, लेकिन अव्यवस्था और अवरोध को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। - UNA















